About Me

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विचारों के सागर में अक्सर
डूब जाता हूँ मै
फिर जब भी सतह पर
वापिस आता हूँ मै
स्वयं को

कुछ पंक्तियों के साथ
पाता हूँ मै
इन पंक्तियों को
मोतियों से
सजाता हूँ मै
ये मोती
कुछ सुंदर शब्द होते हैं
जो विचारों के सागर
की गहराई से
चुने गए होते हैं
स्वयं की पंक्तियाँ
स्वयं को ही
सुनाता हूँ मै
फिर मन ही मन
मुस्कुराता हूँ मै
पहले भी था ऐसा
या अभी बन गया हूँ
लगता है यारों
मै कवि बन गया हूँ
!
लगता है यारों
मै कवि बन गया हूँ
!!                      [email protected]

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